करतारपुर गुरुद्वारे तक भारतीय अधिकारियों को नहीं पहुंचने दे रहा पाकिस्तान, पर्दाफाश हुई ये साजिश

 


करतारपुर गुरुद्वारे तक भारतीय अधिकारियों को नहीं पहुंचने दे रहा पाकिस्तान, पर्दाफाश हुई ये साजिश



करतारपुर कॉरिडोर तो खुल गया है, लेकिन इसके साथ ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ने लगी है। इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान, करतारपुर गुरुद्वारे तक भारतीय अधिकारियों को नहीं पहुंचने दे रहा है। कॉरिडोर खुलने से पहले दोनों देशों के बीच तीन बार हुई बैठकों में भी ये मुद्दा उठाया गया था कि जत्थे के साथ भारतीय अधिकारियों को गुरुद्वारे तक जाने की इजाजत दे दी जाए। यह जत्थे की सुरक्षा के लिए जरूरी है। 


 

पाकिस्तान ने भारत के इस आग्रह को नामंजूर कर दिया। पाकिस्तानी आईएसआई, जो कि गुरुद्वारे के आसपास 24 घंटे मंडराती रहती है, उसकी सोच है कि अगर भारतीय अधिकारियों को यहां आने की इजाजत दे दी तो उनके वेश में रॉ जैसी एजेंसियों के लोग यहां पहुंचने लगेंगे।

दूसरी ओर भारतीय खुफिया एजेंसियों और बीएसएफ को पता चला है कि आईएसआई ने पंजाब में आतंक फैलाने के लिए जत्थों में शामिल लोगों को गुमराह करने का प्लान जमीन पर उतार दिया है। जत्थों में शामिल लोगों को माइक्रो चिप देने का प्रयास किया जा रहा है। गुरुद्वारे में दर्शन करने के बाद जब सिख संगत कुछ देर के लिए वहां विश्राम करती है तब आईएसआई के एजेंट सिखों की वेशभूषा में खुद को धर्मगुरु बताकर संगत को गुमराह करने का प्रयास करते हैं।  

पैसेंजर टर्मिनल से लेकर गुरुद्वारे तक फैला आईएसआई का जाल

बता दें कि प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर की ओपनिंग की थी। उसके बाद से लगातार सिख संगत गुरुद्वारे तक पहुंच रही है। अभी 28 नवंबर तक की बुकिंग फुल हो चुकी है। इसके बाद किसी भी तिथि के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। कॉरिडोर की सुरक्षा को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। खासतौर से, बीएसएफ जो कि भारत पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तैनात है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आईएसआई ने सिख वेशभूषा में अपने लोगों को गुरुद्वारे के आसपास लगा रखा है। 

इसके अलावा ये लोग पैसेंजर टर्मिनल पर भारी संख्या में तैनात हैं। साथ ही गुरुद्वारे से लेकर पैसेंजर टर्मिनल तक जो इलेक्ट्रॉनिक वाहन चलाए गए हैं, उनमें बतौर कंडक्टर या क्लीनर भी आईएसआई कर्मी लगे हैं। इनमें से ज्यादातर स्टाफ सिख वेशभूषा में ही रहता है। भारतीय एजेंसियों को ताजा जानकारी यह मिली है कि सिख वेशभूषा वाले लोग सिख संगत को गुमराह कर रहे हैं। ये उन्हें ऐसी चिप दे रहे हैं, जिसमें 84 के दंगों से लेकर कई ऐसी बातें हैं, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सौहार्द खराब होता है। 

साथ ही आईएसआई के गुर्गे माइक्रो सिम भी जत्थे में शामिल लोगों को देने का प्रयास कर रहे हैं। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी कहा है कि हमें सजग और चौकन्ना रहना होगा। करतारपुर गलियारे के जरिए पंजाब में दोबारा आतंकवादियों की राह न खुले, इसके लिए भारत सरकार को कई तरह की सावधानियां बरतनी होंगी। इस बात की पूरी संभावना है कि आईएसआई दोबारा से पंजाब में अपनी नापाक गतिविधियों को शुरू करने का माहौल बनाने की कोशिश करे। 

पाकिस्तान किसी को भी बना सकता है अपना सॉफ्ट टारगेट

बीएसएफ के सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारे में आईएसआई और दूसरी लोकल एजेंसियों के लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया है। वहां जाने वाली सिख संगत को गुमराह करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पाकिस्तानी आईएसआई ने नकली धर्म गुरुओं का सहारा लेकर जत्थों को अपनी बातों में करने का प्रयास किया है। गुरुद्वारे से लौट कर आए कई लोगों ने भारतीय एजेंसियों को बताया कि वहां पर सिख धर्म के अनुयायियों जैसा वेश धारण किए अनेक लोग मौजूद हैं। 

वे सिख संगत के लोगों को भारत के दूसरे समुदायों के खिलाफ भड़काने का प्रयास करते हैं। उन्हें 1984 के दंगों की याद दिलाते हैं। इसके लिए वे झूठी प्रचार सामग्री और सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। सिख संगत की ईमेल, फोन नंबर और सोशल मीडिया एड्रेस लिए जा रहे हैं। उनका प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को किसी भी तरह अपना स्लीपर सेल बना दिया जाए। जो चिप या माइक्रो सिम कार्ड दिया जाता है, उसकी मदद से वह व्यक्ति कभी भी आईएसआई के साथ बिना किसी रोक टोक से सम्पर्क कर सकेगा। 

वजह, वह फोन आसानी से भारतीय एजेंसियों की पकड़ में नहीं आता। इस बात के पूरे आसार हैं कि वे अपना सिम कार्ड हमारे देश में पहुंचा दें। आजकल जिस तरह के माइक्रो सिम आ रहे हैं, उन्हें आसानी से बालों में छिपाकर लाया जा सकता है। करतारपुर में आईएसआई रुपयों की मदद से या दूसरी सुविधाएं देकर भी अपना काम निकाल सकती है। नशे को भी आईएसआई अपना एक अहम हथियार बना रही है।