शिवसेना का एनडीए से बाहर होना लगभग तय, मेयर चुनाव पर भी पड़ेगा असर
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संस्थापक पार्टियों में शामिल शिवसेना का इससे बाहर होना लगभग तय है। एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के साथ महाराष्ट्र में तेज हो रही लड़ाई के बीच शिवसेना ने तय किया है कि वह रविवार को होने वाली गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लेगी।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि एनडीए से अलगाव की सिर्फ औपचारिकता बाकी है। उन्होंने कहा कि एनडीए किसी की जागीर नहीं है। मुझे नहीं मालूम कि हमें बैठक का निमंत्रण मिला या नहीं, लेकिन हम पहले ही बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला कर चुके हैं।
राउत के मुताबिक इस समय एनडीए का नेतृत्व कर रहे लोगों ने महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को झूठा ठहराने का जो प्रयत्न किया, उसके विरोध में हमने बैठक से दूर रहने का फैसला किया है।
मेयर चुनाव पर पड़ेगा गठबंधन टूटने का असर
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने का असर 22 नवंबर को होने वाले मुंबई के मेयर चुनाव पर पड़ेगा। 2017 के बीएमसी चुनाव में शिवसेना के 84 जबकि भाजपा के 82 पार्षद जीते थे। 227 सदस्यीय बीएमसी में भाजपा के सहयोग से शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर मेयर बने थे। विश्वनाथ का ढाई साल का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो गया, लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण उन्हें नवंबर तक विस्तार दिया गया था।
'सामना' के संपादकीय में भाजपा पर तीखा हमला
शिवसेना के मुखपत्र सामना में शनिवार को भाजपा पर तीखा हमला किया गया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 105 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा अब भी कह रही है कि सरकार उसी की बनेगी या उसके सहयोग के बिना अन्य दल कोई सरकार नहीं बना सकेगा। इसे ही लेकर सामना ने संपादकीय लिखा कि राष्ट्रपति शासन की आड़ में 'घोड़ा बाजार' (विधायकों की खरीद-फरोख्त) का मंसूबा साफ हो गया है।
भाजपा नेता नितिन गडकरी ने कहा था कि राजनीति और क्रिकेट में अंतिम समय तक कुछ भी हो सकता है। 'सामना' ने इस बयान की भी तीखी आलोचना करते हुए लिखा कि आजकल क्रिकेट खेल कम और धंधा ज्यादा बन गया है। वहां भी राजनीति की तरह घोड़ा बाजार शुरू है।
इसीलिए अब मैदान में क्रिकेट की जीत होती है या फिक्सिंग की, इसे लेकर संशय बना रहता है। संपादकीय के अनुसार जिन्हें लगता है कि वे महाराष्ट्र और देश के मालिक हैं, उन्हें इस मानसिकता से बाहर आना चाहिए। ज्यादा समय तक यह स्थिति रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा।